आजकल पुरूषों की तुलना में महिलाएं ज्यादा हो रही हैं डिप्रेशन का शिकार
डिप्रेशन : कामकाज की भागदौड़ भरी जिंदगी में लगभग हर कोई डिप्रेशन का शिकार हो रहा हैं लेकिन अगर गौर किया जाए तो पुरूषों की तुलना में महिलाएं सबसे ज्यादा इसकी चपेट में आ रही है ख़ासकर जॉब करने वाली महिलाओं की संख्या सबसे ज्यादा है। महिलाओं में डिप्रेशन का कारण उनकी जॉब की जिम्मेदारी के साथ घर के सदस्यों और घर के काम की जिम्मेदारियां होती हैं। ऑफिस पहुंच कर भी उन्हें बच्चों और घर के काम की चिंता सताती रहती है। वह हर वक्त कुछ न कुछ सोचती रहती है। सभी लोग उनके साथ होने पर भी वह अकेलापन महसूस करती है।
आज हम आपको महिलाओं के डिप्रेशन में जाने के कुछ कारण और उसे दूर करने के टिप्स बता रहे हैं जिसे फॉलो करके काफी हद तक तनाव को काम किया जा सकता है।
महिलाओं में डिप्रेशन के कारण:
1. पुरूषों का गलत व्यवहार
महिलाओं का डिप्रैशन में जाने का सबसे खास कारण पुरूषों का उनके प्रति गलत व्यवहार है। महिलाओं का पूरा दिन बाहर काम करने के बावजूद उनका पति जब उसे सम्मान और प्यार नहीं देता तो वह तनाव से ग्रसित होने लगती है। जिन घरों में पुरुष नशे आदि का सेवन करके मार -पीट आदि करते हैं उन परस्थितियों में महिलाओं का डिप्रेशन में आने का कारण काफी हद तक बढ़ जाता है।
महिलाओं का डिप्रैशन में जाने का सबसे खास कारण पुरूषों का उनके प्रति गलत व्यवहार है। महिलाओं का पूरा दिन बाहर काम करने के बावजूद उनका पति जब उसे सम्मान और प्यार नहीं देता तो वह तनाव से ग्रसित होने लगती है। जिन घरों में पुरुष नशे आदि का सेवन करके मार -पीट आदि करते हैं उन परस्थितियों में महिलाओं का डिप्रेशन में आने का कारण काफी हद तक बढ़ जाता है।
2. घरेलू हिंसा के कारण: महिलाओं का घर के प्रति पूरा लगाव होने के बावजूद भी जब घर में उन्हें घरेलू हिंसा का सामना करना पड़ता है तो डिप्रेशन जैसी समस्यांए सामने आते देर नहीं लगती ।
3. बढ़ती जिम्मेदारियों के कारण:कुछ महिलाओं को घर के कामकाज के साथ जॉब भी करनी पड़ती है। दोनों जगह जिम्मेदारी को पूरी तरह निभाने में भी डिप्रेशन होने की सम्भावना बढ़ जाती है।
4 . जीवन-साथी से मतभेद:आजकल देखा जा सकता है की कुछ मामलों में महिलओं का अपने जीवन साथी से किसी न किसी बात को लेकर मतभेद हो जाते हैं जो की डिप्रेशन का एक प्रमुख कारण है।
डिप्रेशन को दूर करने के उपाय:
1. आराम से काम करें: घर और ऑफिस के काम तो कभी भी खत्म नहीं होते इसलिए दिमाग में शांति और सुकून की भावना रखें। एक काम करने के बाद कुछ समय शांति से लंबी सांस लें और कुछ न कुछ जरूर खाएं। थोड़ा रेस्ट करने के बाद दूसरे काम को शुरू करें।
2. पॉजिटिव सोच रखें: किसी भी बात को लेकर अपने दिमाग में निगेटिव ख्याल न लाएं। हमेशा अच्छा ही सोचे। ऑफिस के कार्य को अधूरा न रखें बल्कि साथ ही साथ खत्म करें। इस तरह से दिमाग से टेंशन दूर होगी।
3. भविष्य की चिंता न करें: कुछ लोग आने वाले समय को लेकर चिंतित रहते हैं जो कि सोचना बेकार होता है। कई बार समय के साथ ही समस्या का हल मिल जाता है। अपने दिमाग को शांत रखें। किसी भी बात को तनाव का कारण न बनने दें।
4. टेंशन में दूसरे की मदद लें: अगर आप किसी बात को लेकर काफी लंबे समय से टेंशन में है और आपको उसका कोई भी सुझाव नहीं मिल रहा है तो अपने किसी दोस्त या परिवार के सदस्य की मदद लें। कई बार उस बात का सुझाव किसी दूसरे के पास होता है इसलिए चिंता को अपनी आदत न बनाए।
5. कहीं घूम कर तनाव घटाए: चिंता को अपने दिमाग पर हावी न होने दें। किसी बात की टेंशन होने पर उस पर ध्यान जाना तो स्वाभाविक ही है पर ज्यादा सोचना सेहत के लिए हानिकारक भी होता है। उससे ध्यान हटाने के लिए कहीं बाहर घूमने जाने को प्लान बनाएं और फिर शांति से उस बात का हल निकालें।
जीवन साथी से मतभेद को लेकर आपसे में बैठ कर बात करें एक दूसरे को समझने की कोशिश करें अगर उसके बाद भी हल न निकले तो काउंसलर से भी सलाह ले सकते हैं।
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